Sundar pichai CEO of google biography
दोस्तों हमारे लिए इससे ज्यादा गर्व की बात क्या होगी एक भारतीय व्यक्ति को दुनिया के सबसे बड़ी कंपनी गूगल के सीईओ के रूप में चुना गया है आखिर कुछ तो बात है हम भारतीयों में जिससे दुनिया हमारी इतनी दीवानी है दोस्तों आज मैं बात करने जा रहा हूं सुंदर पिचाई की जिन्होंने तमिलनाडु की गलियों से दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के सीईओ बनने तक का सफर तय कियादोस्तों की सच्चाई पर पहुंचना हर किसी के बस की बात तो नहीं है लेकिन सच्चे दिल से अगर कुछ कर जाने की इच्छा होना तो इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं सुंदर पिचाई का वास्तविक नाम सुंदर सुंदर पिचाई है उनका जन्म 12 जुलाई 1972 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में हुआ था उनके पिता का नाम रघुनाथ पिता का नाम लक्ष्मी है सुंदर के पिता रघुनाथ परछाई और मां का नाम लक्ष्मी सुंदर के पिता रघुनाथ 851 इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे और 1985 को भी टेक्नोलॉजी से जुड़ने की प्रेरणा मिली आज जब सुंदर पिचाई 12 साल के थे तो उनके पिता घर में एक लैंडलाइन फोन लेकर आए आज जो सबसे दुनिया के सबसे बड़ी कंपनी के शीर्ष स्थान पर कार्यरत हैं उनके जीवन में यह सस्ता वाला टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ सुंदर पिचाई में एक बहुत ही विशेष गुण था वह आसानी से अपने टेलीफोन में डायल किए गए सभी नंबरों को याद कर दिया करते थे और आज भी उन्हें उन्हें उन नंबरों के बारे में पूछे जाने पर याद रहते हैं दरअसल सिर्फ फोन नंबर ही नहीं उन्हें हर प्रकार के नंबर आसानी से याद रह जाते हैं पढ़ाई में वह अच्छे थे ही साथ ही साथ वह क्रिकेट के भी दीवाने थे और अपने स्कूल के क्रिकेट टीम के कप्तानी भी करते थे सुंदर पिचाई ने जवाहर विद्यालय में अपनी दसवीं की पढ़ाई पूरी करें चेन्नई के आना भाई स्कूल में अपनी बारहवीं की परीक्षा और फिर और आईटी खड़कपुर से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करे और अपनी मेहनत के बल पर मैंने हर्ट किया
और आईआईटी मेंउन्हें रजत पदक से भी सम्मानित किया गया छत्रपति फागण आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश ले लिया और भौतिक विज्ञान में मास्टर इन साइंस की डिग्री पूरी करनी आख़िर में वह MBA की पढ़ाई के लिए वेलेटाइन स्कूल यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया चले गए Google से जुड़ने से पहले सुंदर पिचाई मेकिंग सेंड कंपनी और आप लाइट मटेरियल मैं भी अपना योगदान दिया था पिचाई 2000 2004 में पहली बार Google से जुड़े शुरु-शुरु में उन्होंने एक छोटी सी टीम के साथ Google सर्च टूल बार पर काम किया Google में काम करते समय सुंदर पिचाई के मन में एक नया आईडिया आया वह था खुद का इंटरनेट ब्राउज़र बनाने का उस समय के गूगल के सीईओ से सिंचाई में खुद के 1 इंटरनेट ब्राउज़र बनाने के लिए बात की तो बहुत महंगा प्रोजेक्ट कहकर उन्होंने मना कर दिया लेकिन पिचाई ने हार नहीं मानी और Google के अन्य पार्टनर्स से बात करके उन्हें मना लिया 2008 में सुंदर पिचाई की महत्व से Google ने खुद का वेब ब्राउज़र लांच किया जिसका नाम Chrome दिया गया आज के समय में Google Chrome दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला वेब ब्राउज़र है यही Google कंपनी में सुंदर पिचाई का टर्निंग पॉइंट था उनकी लगन को देखते हुए उन्हें हर प्रोडक्ट के शीर्ष स्थान प्राप्त होते गए और देखते ही देखते पिचाई सी ई ओ के दौड़ में शामिल हो गए गूगल के सीईओ बनने से पहले उनके पास माइक्रोसॉफ्ट और Twitter का भी ऑफर आया लेकिन उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए Google में उन्हें बहुत सारे पैसे बोनस के रूप में देखकर ने रोक लिया और आखिरकार 10 अगस्त 2015 को सुंदर पिचाई को दुनिया के सबसे बड़े कंपनी गूगल का सीईओ बना दिया गया इतनी बड़ी सफलता के पीछे सुंदर पिचाई का सरल स्वभाव का बहुत बड़ा हाथ है उनके सरल स्वभाव की वजह से उन्हें हर कोई बहुत मानता था दोस्तों अंत में मैं बस यह कहना चाहूंगा
जब इरादा बना लिया ऊंची उड़ान काफिर फिजूल है कद आसमान का
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